प्रश्नकाल में कर्मचारियों के नियमितिकरण का मामला

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इससे पहले प्रश्नकाल में अनियमित और संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण का मामला उठा। भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन के सवाल के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, नियमितिकरण के लिए दिसम्बर 2019 में अधिकारियों की एक समिति बनाई गई थी। विभागों, मंडलों, आयोगों और प्राधिकरणों से अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मंगाई गई है। कई विभागों से जानकारी मिल चुकी है। कुछ विभागों में जानकारी जुटाई जा रही है। कई मामले अदालतों में चल रहे हैं। मई 2019 में महाधिवक्ता से इसपर अभिमत भी मांगा गया था, जो अब तक नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना की वजह से यह प्रक्रिया पूरी करने में दिक्कत हुई है। अब हालात सामान्य हो रहे हैं। जल्दी ही इस काम को पूरा किया जाएगा। इसके बाद भाजपा विधायक भड़क गए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, यह कैसे हो सकता है कि दो-तीन साल में महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत तक नहीं आया। शिवरतन शर्मा ने सरकार पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। विधायक सौरभ सिंह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का 2006 का एक निर्णय है जिसके तहत नियमितीकरण हो ही नहीं सकता। सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, आप देखते रहिए अभिमत भी आएगा और नियमितीकरण भी होगा। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने सीट से खड़े होकर सवाल उठाने शुरू कर दिए। हंमामे के बीच सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।


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