निखत जरीन कौन है?

लेखक - संजय दुबे

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देश मे महिला बॉक्सिंग में एक ही नाम 2021 तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाया हुआ था, ये नाम मेरी कॉम का है। स्वाभाविक है कि जिस महिला ने विश्व बॉक्सिंग में अनेकों बार देश का नाम रोशन किया हुआ हो उसके सामने और कोई नाम रोशन हो असंभव तो नही था लेकिन आसान भी नही था। पिछले ओलंपिक खेलों में मेरी कॉम को एक बॉक्सर ने चेलेंज किया था कि वे भी दम रखती है और उनकी भी दावेदारी को अनदेखा न कर मौका दिया जाए। तब मेरीकॉम ने पूछा था"ये निखत जरीन कौन है?"। मौक़ा मिला भी लेकिन मेरी कॉम को चुनौती देना आसान काम साबित नही हुआ और ये बॉक्सर हार गई। हार को चुनोती के रूप में स्वीकारने की कला सीखने के लिए इस बॉक्सर का नाम भी है- निखत जरीन

  निखत जरीन पर लिखने से पहले मैंने उर्दू शब्दकोश में निखत और जरीन शब्द का अर्थ खोजा। खुशबू और अभिव्यक्ति अर्थ लिया हुआ ये नाम आज देश के हर व्यक्ति के जुबान पर है क्योंकि बकिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में जिन खिलाड़ियों से स्वर्णिम उम्मीदे थी उनमें एक नाम तुर्की में विश्व चैंपियनशिप जीती निखत जरीन का भी नाम था।140 करोड़ उम्मीदों पर उन्होंने गोल्ड मेडल को ही खरा साबित किया। देश के अनेक गोल्ड मेडल जीतने वालो में निखत ऐसी बॉक्सर थी जिसने फाइनल के पांचों राउंड में प्रतिद्वंद्वी को एक बार भी जितने नही दिया। बॉक्सिंग रिंग में निखत भूखी शेरनी के समान उतरी थी और जीती भी वैसी।

 मेरा अपना मानना है कि खिलाड़ी धर्म, जाति, सम्प्रदाय, भाषा और लिंग के दायरे में कभी नही होता न होना चाहिए। उसका एक ही धर्म होना चाहिए - खेल। उसकी एक ही जाति, सम्प्रदाय होनी चाहिए- खिलाड़ी। खेल भावना उसकी भाषा रहे बस। वह देश का प्रतिनिधि रहे और उसके जीत में देश नाचे ओर हार में दुखी होकर उसके अगले जीत के लिए उम्मीद के धागे बांधे, मन्नत करे, प्रार्थना करे, अरदास करे शीश झुकाए।

 निखत के लिए भी देश ये सब करता था/है क्योंकि उनका आगे आना संकुचित मानसिकता के लोगो के लिए पीड़ादायक है। लड़कियों को पीछे करने वाले लोगो का प्रतिकार का नतीजा है कि निखत के जीतने पर जम कर खुशी मनाई गई मिठाई बाटे गए उधर पोडियम में तिरंगा मध्य में सबसे ऊपर राष्ट्रगान के साथ चढ़ रहा था इधर देश मे जश्न मन रहा था। निखत जरीन अपने नाम के अनुरूप खुशबू से अभिव्यक्त हो रही थी।

 आमतौर पर देश मे आम खेलो में समाज के निचले तबके के लोग ही आसमान छूने का साहस रखते है। आप हर खेल में देख ले बड़ी कठनाइयों के रास्ते से खिलाड़ी बाहर आये है। निखत जरीन भी ऐसे ही मुश्किलों के राह से आगे आई है। उनकी जीत उनको अब परिणाम देने की स्थिति में है। आनेवाले सालो में निखत निखरेगी, अगले ओलंपिक खेलों में एक बार फिर गोल्डन पंच लगेगा - ये विश्वास है देश के 140 करोड़ लोगों को, फिलहाल तो वे खुद जीत का जश्न मनाए और इस साल खेल अलंकरण समारोह में शोभायमान रहे। आज शायद मेरी कॉम भी जान रही होंगी - निखत जरीन कौन है!


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