घाटी से होकर गुजरता है जम्मू-कश्मीर की सत्ता का रास्ता, बड़ी तैयारी में जुटी भाजपा

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जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए कश्मीर घाटी में पकड़ होना बहुत जरूरी है। भाजपा ने कश्मीर में चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। जम्मू में भाजपा की पकड़ पहले से ही काफी मजबूत है। अब जरूरत है तो घाटी में ज्यादा सीटें लाने की। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भाजपा जम्मू-कश्मीर में पहले हिंदू मुख्यमंत्री का भी वादा कर रही है। हालांकि पार्टी के नेताओं को यह बात पता है कि बिना मुसलमानों के वोट के यह संभवन नहीं हो पाएगा। अब ऐसे में किसी ऐसी पार्टी से गठबंधन जरूरी है जो कि मुस्लिम बहुल सीटों पर जीत हासिल कर सके।

भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा, भाजपा पिछले सारे रेकॉर्ड तोड़ने वाली है। खास तौर पर कश्मीर में वह कमाल करेगी। हमारे सहयोगियोंके साथ हम कम से कम 50 सीट हासिल करेंगे। बता दें कि अल्ताफ ठाकुर त्राल से सरपंच भी हैं। अभी तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि इसी साल के आखिरी तक यहां चुनाव कराए जाएंगे। राजनीतिक दलों ने यूनियन टेरटरी में चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

ठाकुर से जब भाजपा के गठबंधन के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा कोई भी पार्टी सहयोगी हो सकती है। हम अपने ही दम पर कश्मीर में डबल डिजिट का नंबर पा सकते हैं। हालांकि हमारी पार्टी जो भी योजना बना रही है अभी वह बताई नहीं जा सकती। भाजपा कई उन नेताओं पर नजर बनाए हुए है जो कि जम्मू-कश्मीर में निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते हैं।


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