सिकुड़ता एनडीए, भाजपा का दामन क्यों छोड़ते जा रहे उसके साथी, क्या अकेले रह जाएगी BJP?

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एनडीए गठबंधन से अब जनता दल (यूनाइटेड) यानी जदयू भी अलग हो गया। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई पार्टी के सांसदों और विधायकों की बैठक में इस पर फैसला लिया गया। बैठक के बाद नीतीश राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौपा। कहा जा रहा है कि जदयू फिर से राजद और महागठबंधन के साथ सरकार बनाएगी।

बीते कुछ समय में एक-एक करके एनडीए के कई दल गठबंधन से अलग हो चुके हैं। ऐसे में चर्चा होने लगी है कि क्या अब एनडीए में केवल भाजपा ही रह जाएगी? आखिर क्यों ये क्षेत्रीय और छोटे दल भाजपा से नाराज हैं? 

सबसे पहले कुलदीप बिश्नोई ने छोड़ा साथ एनडीए से गठबंधन के दलों के जाने का सिलसिला 2014 लोकसभा चुनाव में जीत के बाद ही शुरू हो गया था। सबसे पहले हरियाणा जनहित कांग्रेस ने एनडीए का दामन छोड़ा। पार्टी नेता कुलदीप बिश्नोई ने लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद और हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए से अलग हो गए। बिश्नोई ने बीजेपी पर क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करने का आरोप लगाया था। इसी साल तमिलनाडु की मरूमलारछी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (MDMK) ने भी एनडीए छोड़ दिया। इस पार्टी ने बीजेपी पर तमिलों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया था। MDMK वो दूसरी पार्टी बनी, जिसने एनडीए छोड़ दिया।

2016 में इन दलों ने भी छोड़ा साथ तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले 2016 में एमडीएमके के बाद देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कषगम यानी DMDK ने भी एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया। इसी तरह तमिलनाडु की एस रामदौस की पार्टी पीएमके ने भी एनडीए से नाता तोड़ा लिया। अब तमिलनाडु में केवल एआईएडीएमके ही भाजपा के साथ एनडीए में शामिल है।


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