आत्महत्या नहीं, अब होगा आंदोलन, 16 अगस्त से शुरू होगी बेरोजगारी के खिलाफ 'हल्ला बोल यात्रा

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बेरोजगार युवाओं को सरकार से चाहिए भ-रो-सा यानी भारत रोजगार संहिता। देश में रोजगार की मौजूदा स्थिति को लेकर युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम, 16 अगस्त से बिहार में हल्लाबोल यात्रा शुरू करेंगे। बिहार के सभी जिलों से गुजरती हुई इस यात्रा का समापन 23 सितंबर को पटना में एक विशाल सम्मेलन के साथ होगा। कई युवा, जो सरकारी लापरवाही के चलते समय पर रोजगार नहीं ले पाते। ऐसे में वे युवा आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लेते हैं। अनुपम ने कहा, अब आत्महत्या नहीं, आंदोलन होगा। पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम से आरंभ कर बेतिया मोतिहारी के कई हिस्सों से होते हुए पहले ही सप्ताह में 'हल्लाबोल' यात्रा सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले में प्रवेश कर जाएगी। बिहार के सभी जिलों में युवाओं के साथ संवाद होगा। हर जिले में स्थानीय छात्र, युवा और प्रबुद्ध नागरिक, यात्रा कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे, ताकि व्यापक स्तर पर जनसंवाद हो सके।

मोदी सरकार में करोड़ों रोजगार नष्ट हो गए राजधानी पटना स्थित गांधी संग्रहालय में 'युवा हल्ला बोल' अध्यक्ष अनुपम ने गुरुवार को यात्रा का सम्पूर्ण विवरण और कैलेंडर जारी किया। 'युवा हल्ला बोल' महासचिव प्रशांत कमल ने कहा कि 'हल्लाबोल यात्रा' बेरोजगारी के खिलाफ होने वाले राष्ट्रीय युवा आंदोलन के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। अब चुप्पी साधने या तटस्थ रहने की बजाए राष्ट्रनिर्माण के इस आंदोलन में कूदने का वक़्त आ गया है। बेरोजगारी को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए प्रशांत ने कहा, "प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार का वादा करके सत्ता में आए मोदी सरकार में करोड़ों रोजगार नष्ट हो गए। चाहे रेलवे हो, बैंक हो, एसएससी या यूपीएससी ही क्यों न हो, हर जगह साल दर साल सीटें कम होती जा रही हैं। अग्निपथ जैसी सेना विरोधी योजना लाकर युवाओं के सपनों को ही नहीं रौंदा गया, देश की सुरक्षा को भी ठेके के हवाले किया जा रहा है। केंद्र से लेकर राज्य तक एक ही कहानी है। शिक्षकों के लाखों पद रिक्त हैं, फिर भी बहाली के नाम पर सरकार सिर्फ बहानेबाजी करती है। यहां तक कि प्राइवेट कंपनियों में भी ढंग का काम नहीं मिल रहा।


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