बुंदेलखंड के 'जलियावाला बाग' चरणपादुका में बिखरेंगे देशभक्ति के रंग, पुण्यधरा से निकलेगी यात्रा

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आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर बुंदेलखंड के जलियावाला बाग के रूप में प्रसिद्ध चरणपादुका में 12 अगस्त से देशभक्ति के रंग बिखरेंगे। इस मौके पर देशभक्ति के गीत बजेंगे, बलिदानियों को नमन किया जाएगा, तिरंगा फहराया जाएगा और देश के नक्शे के आकार की मानव श्रृंखला बनाई जाएगी।

छतरपुर जिले के सिंहपुर गांव के पास स्थित चरण पादुका से भगवान राम वनवास काल के दौरान गुजरे थे, उर्मिला नदी के बीच स्थित एक पत्थर में भगवान राम के चरणों के निशान मौजूद हैं, जिसके चलते इस जगह का नाम चरणपादुका पड़ा।

कहा जाता है असहयोग आंदोलन के समय यहां भी लोग विदेशी वस्त्रों की होली जला रहे थे। यहां किसी का नेतृत्व न होने के चलते गांव वाले खुद एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया करते थे। विदेशी वस्तुओं के त्याग करने की भावना को जन-जन तक पहुंचाने के लिए क्रांतिकारियों ने सभा का निर्णय लिया था। सभा के लिए नौगांव ब्रिटिश छावनी में पदस्थ कर्नल फिशर से अनुमति मांगी गई, लेकिन कर्नल ने अनुमति नहीं दी। जिसके बाद ग्रामीणों ने मकर संक्राति के अवसर पर लगने वाले मेले में लोगों से आंदोलन में सहयोग देने की अपील करने के लिए मिलने का निर्णय किया।

भगवान राम के गुजरने की वजह से इस स्थान पर हर साल मकर संक्रांति का मेला लगता था। 14 जनवरी, 1931 के दिन भी यहां मेला लगा था, जिसमें दूर-दूर के गांवों के लोग मेले में पहुंचे थे। इसी दौरान स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारियों ने लोगों को समझाना शुरू किया कि अंग्रेज किस तरह हमारे देश को लूट रहे हैं और हम पर ही राज कर रहे हैं। क्रांतिकारियों की बात सुनकर जनसमुदाय में अंग्रेजों के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा और सभा में मौजूद लोगों ने एकजुट होकर घोषणा की कि वे अब अंग्रेजों को लगान नहीं देंगे। इसकी सूचना कर्नल फिशर को लगी, वह सैन्य बल के साथ मेला स्थल पहुंचा और ब्रिटिश सैनिकों ने चरणपादुका स्थल को चारों ओर से घेर लिया फिर कर्नल फिशर ने बिना चेतावनी दिए गोली चलाने का आदेश दे दिया।


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