कर्मचारियों की हड़ताल शुरू

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महंगाई भत्ता-DA और गृह भाड़ा भत्ता-HRA बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। दावा है कि इस हड़ताल में 96 कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल हो हुए हैं। कर्मचारी संगठन सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना भी शुरू कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से अगले कुछ दिनों तक स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज के भी ठप्प हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। कर्मचारियों ने 25 से 29 जुलाई के बीच भी एक हड़ताल की थी। उसके बाद सचिव स्तर की बातचीत के बाद 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हुआ। अधिकांश कर्मचारी संगठनों ने इसे नामंजूर कर दिया।

छत्तीसगढ़ में करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. महंगाई भत्ता (डीए) और आवास किराया भत्ता (एचआरए) में वृद्धि की मांग करते कर्मचारी पांच दिवसीय हड़ताल पर है. हड़ताल की शुरुआत बीते सोमवार से की गई है. हड़ताल के पहले दिन पूरे प्रदेश में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ. अस्पताल और स्कूल-कॉलेजों में भी हड़ताल का असर दिखा. स्कूलों में छुट्टी दे दी गई. अस्पतालों में नर्स व अन्य स्टाफ के हड़ताल पर होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन (सीकेएएफ) के क्षेत्रीय संयोजक कमल वर्मा ने दावा किया कि हड़ताल को राज्य के सभी पांच राजस्व संभागों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. उन्होंने बताया, ‘‘सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार डीए और एचआरए में बढ़ोतरी के लिए पांच लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. शिक्षक संघों ने भी कर्मचारियों के इस हड़ताल को समर्थन दिया है.’’ बता दें कि हड़ताल के कारण लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला भिलाई में लेबर पेन के कारण भर्ती कराई गई कुछ महिलाओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. सरकारी कार्यालयों में कोई काम नहीं हुए.


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