गौरेला पेंड्रा मरवाही में हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीणों ने मशाल को जरिया बनाया

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गौरेला पेंड्रा मरवाही: हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों की खड़ी फसल चौपट हो गई है. ग्रामीण अपने परिवार की महिलाओं और बच्चों को हाथियों से सुरक्षित रखने के लिए दूसरे गावों में शरण ले रहे हैं. अब स्थिति ये है कि लोग अपने घरों में रखे अनाजों को हाथियों से बचाने के लिए दूसरी जगह भेज रहे हैं. ग्रामीणों ने वन अमले को निष्क्रिय बताया है. ग्रामीणों को कहना है कि वे हाथियों को अपने गांव से खदेड़ने के लिए पटाखों और मशालों का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि यह उपाय ग्रामीणों के लिए जानलेवा भी है.

इन वन मंडलों में हाथी का उत्पात: इन दिनों मरवाही वन मंडल और कटघोरा वन मंडल के सीमावर्ती क्षेत्र पेंड्रा और पसान वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती गांव में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है. 22 हाथियों का समूह पिछले लगभग 1 सप्ताह से पसान के खमरिया गांव में डेरा जमाए हुए है. हाथी दिन में तो एक स्थान पर रहते हैं लेकिन रात होते ही हाथी ग्रामीण इलाकों में पहुंच जाते हैं. हाथी लोगों के घरों में रखे अनाजों को चट कर जाते हैं. ऐसे में हाथी के आगे ग्रामीण बेबस नजर आ रहे हैं.

रातभर जगने को मजबूर ग्रामीण: ग्रामीणों को डर है कि हाथी अगर उनके अनाज को खा जाएगा तो आने वाले दिनों में इनके पास खाने पीने की समस्या होने लगेगी. हालांकि हाथियों के समूह ने पिछले सप्ताह भर में ग्रामीणों की खेतों में खड़ी फसल और साग सब्जी के साथ घर के मवेशियों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है. हाथियों के उत्पात से सीमावर्ती वन क्षेत्रों के लगभग आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग काफी प्रभावित हैं. ग्रामीण रतजगा करने के लिए मजबूर हैं.


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