कौन बन रहा है करोड़पति

लेखक - संजय दुबे

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भारत मे अमिताभ बच्चन एक ऐसे नायक है जिन्हें महानायक कहा जाता है। हरिवंश राय बच्चन और तेज़ी बच्चन के सुपुत्र है जिनको फिल्म जगत ने पहले कभी बांस जैसी लंबाई और खरखरे आवाज़ के खारिज़ कर दिया गया था। उन्होंने इसी के बल पर एंग्री यंग मैन की भूमिका में ऐसे जान डाली कि फिल्म इंडस्ट्री के सारे ख्यात नाम नायक बौने हो गए। अमिताभ बच्चन ने एक तरफ सफलता का उत्तुंग देखा तो असफलता के गहराई में भी डूबे।

 एक समय वे फुक्कड़ भी हो चले थे । जिस दौर में फिल्म कलाकार टेलीविजन में आने का मतलब फिल्म से राम राम माना जाता था उस दौर में फिल्मों के न मिलने पर अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति धारावाहिक में सूत्राधार बन कर आये। ये भी मानना पड़ेगा कि जिस तरह से अमिताभ बच्चन ने फिल्मों का ट्रेंड बदला उसके बाद उन्होंने छोटे पर्दे को बड़ा कर दिया।

 ये तो बड़प्पन की बात है लेकिन इस धारावाहिक के साथ हमारी मानसिकता के बड़े से छोटे होने का भी सार्वजनीकरण भी देखने को मिलना दुखद और सोचनीय पहलू है। बिना मेहनत के धन अर्जन हमारी दुखती रग है। इसका जीवंत उदाहरण देखना हो तो सड़को पर अनाज,आलू प्याज, शराब या किसी आवश्यक वस्तु के ट्रक पलटने के बाद लूटमार को देख सकते है। वैसे ही कौन बनेगा करोड़पति में पहुँचने वालो का साक्षात्कार देखने के बाद लगता है कि दो दो दशक से रात दिन फोन/मोबाइल लगा लगाकर प्रवेश करने का माद्दा ये बताता है कि अवसर के सिद्धांत का लाभ पाकर धनराशि अर्जित करने की तीव्र लालसा का चर्मोत्कर्ष कैसा है।

 हमारे देश मे सामान्य ज्ञान का अर्जन बेबसी हुआ करती है जिनको सरकारी सेवा में जाना होता है वे देश दुनियां के बारे में घण्टो खपाते है।ये ज्ञान समाज के दशा और दिशा को बदलने के लिए होता है।भारतीय प्रशासनिक सेवा में जिनका चयन होता है वे क्या नही जानते है । ये देख पढ़ कर दांतो तले उंगलियां दबाना पड़ जाता है। दूसरी तरफ कौन बनेगा करोड़पति बनने के लिए या यूं कहें धन अर्जन के लिए, वह भी किस्मत के आधार पर, ज्ञान का लाभ लेने के लिए दो दो दशक तक प्रयास सिद्ध करता है कि हममे भाग्यवादियो की भरमार है, वे अभी भी बहुतायत से है, उनमें से कुछ भाग्यशाली है जो हॉट सीट पर पहुँच कर लाखो करोड़ो पा लेते है। जो नही पाते है उन्हें अमिताभ बच्चन से मिलने का सौभाग्य मिल जाता है(अहोभाग्य)। इन्ही में कुछ लोगो को सायबर अपराधी अपने जाल में फंसा कर लाखो लूट भी लेते है। कौन बनेगा करोड़पति के शुरुवात के पहले से रुपये जीतने के लिए लालायित व्यक्ति ऐसे कार्यक्रम से संबंधित किताब, नेट में ज्ञान अर्जित करने की कोशिश भी करता है(इसी बहाने ज्ञान तो बढ़ जाता है) लेकिन इस दर्शन को समझना जरूरी है कि हम बिना मेहनत( दो दशक फोन घुमा घुमा कर हॉट सीट में पहुँचना मेहनत के मापदंड में नही आता है) के लालच से कब उबरेंगे। हमारे मुफ्त के लालच ने हमे परिश्रम से वंचित कर " कौन बनेगा करोड़पति" में प्रवेश करने के होड़ में रखा तो है।


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