सनातन धर्म की रक्षा' के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने त्रिपुरा में क्या कहा

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सनातन धर्म को मानने वालों से धर्म की रक्षा करने के लिए कहा है.

दिवंगत शांति काली महाराज का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए अगर जरूरत पड़े तो जीवन को बलिदान करने में संकोच नहीं करना चाहिए.

आज ही के दिन 22 साल पहले पश्चिमी त्रिपुरा में बने उनके आश्रम में शांति काली महाराज मार दिए गए थे. आदिवासी समाज के लोगों में हिंदू धर्म का प्रचार करने के चलते कथित तौर पर ईसाई समर्थित एनएनएफटी उग्रवादियों ने उनकी हत्या कर दी थी.

आरएसएस प्रमुख गोमती जिले के शोरबोंग गांव में लोकप्रिय हिंदू पुजारी स्वर्गीय शांति काली महाराज के नाम पर शांति काली मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. ये गांव त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से करीब 110 किलोमीटर दूर है.

उन्होंने कहा, "भारत में कई तरह की खानपान की आदतें, भाषाएं, संस्कृति और परंपराएं हैं, लेकिन इन तमाम चीजों के बावजूद सभी में एकता की भावना है. विचारों ेमें भारतीयता है. ये सब सनातन धर्म की वजह से है."

मोहन भागवत ने कहा कि, "हूण, मुसलमान, ईसाई लोगों ने लूट के इरादे से भारत पर आक्रमण किया था. इस भावना को वे अपने धर्म या संस्कृति में महसूस नहीं करते थे और इसलिए उन्होंने लोगों को परिवर्तित करने या यहां तक खत्म करने की कोशिश की."


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