वनोपज से बनाई गणपति की मूर्ति

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गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारी जोर शोर से चल रही है. इस पर्व को लेकर शहर के मूर्तिकारों ने अलग-अलग थीम पर मूर्तियां बनाई है. जो लगभग पूरी तरह बनकर तैयार भी हो चुकी है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मूर्तिकार के यहां लेकर आए हैं, जिनकी बनाई मूर्तियां न केवल चर्चा का विषय है, बल्कि आकर्षण का केंद्र भी. क्योंकि इस परिवार ने वनोपज से जुड़ी मूर्ति बनाई है. अर्थात इसमें हर्रा, बहेरा, तेंदूपत्ता, चार और चिरंजी से मूर्ति को बनाई गई है. वैसे तो मूर्तिकार शिव चरण यादव का परिवार आम दिनों में गुपचुप का ठेला लगाते हैं, लेकिन गणेशोसत्व के इस खास मौके पर पूरा परिवार एक होकर मूर्तियां बनाने में जुट जाते हैं. यहां की मूर्तियां हर साल अलग अलग थीम पर होती है. जिसकी वजह से दूर दूर से लोग मूर्तियों का ऑर्डर देने आते हैं.

राजधानी रायपुर में यह पहली दफा होगा जब वनोपज से बने बुद्धि के देवता विराजमान होंगे. करीब 7 फीट की ऊंचाई से बने गजानन पूरी तरह से वनोपज से तैयार किया गए हैं. मूर्तिकार ने इसे बनाने में पूरे एक माह का समय लिया है. मूर्ति की शाइनिंग इतनी शानदार है कि आप इसे देखकर भी अंदाजा नहीं लगा सकते कि यह मूर्ति के निर्माण में विभिन्न वनस्पतियों का उपयोग किया है. जिसमें हर्रा, बहेरा, तेंदूपत्ता, चार और चिरंजी के साथ ही महुआ शामिल हैं. इसे बनाने में 25 किलो से अधिक विभिन्न वनस्पतियां लग गई हैं.


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