मिशन 2024 के लिए नए सिरे से शुरू हुई सियासी जोर-आजमाइश, विपक्ष ने एकता के लिए शुरू की मुहिम

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ठप पड़ी विपक्षी एकता की मुहिम में बिहार में जदयू-राजद के मिलन ने नए सिरे से जान फूंक दी है। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात कर विपक्षी एकता कायम करने की नई शुरुआत की है। राव के करीबियों का मानना है कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद नए साल में विपक्ष में एकता की संभावना मजबूत हो सकती है। हालांकि, इस बार भी विपक्ष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फॉर्मूले पर आगे बढ़ता दिख रहा है। दूसरी ओर मिशन 2024 के लिए भाजपा ने विपक्ष शासित राज्यों को खंगालने और नए क्षेत्रीय, जातीय, सामाजिक समीकरण पर आगे बढ़ने की रणनीति बनाई है।।।।। विपक्ष को एक मंच पर लाने के लिए इस बार क्षेत्रीय दलों को जोड़ने और ममता बनर्जी के पुराने फार्मूले पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत पहली योजना नेतृत्व के सवाल को गौण रखते हुए कांग्रेस के इतर सबसे पहले गैरराजग क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने की है। ममता का फार्मूला था कि जो दल जिस राज्य में मजबूत हो, दूसरे दल उस राज्य में उसी की अगुवाई में चुनाव लड़ें।।।।। विपक्ष शासित राज्यों पर भाजपा लगाएगी जोर बहुत पहले ही मिशन 2024 की तैयारी की शुरुआत कर चुकी भाजपा की रणनीति अपना पुराना गढ़ बचाए रखने और विस्तार की संभावना वाले राज्यों में पूरी ताकत झोंकने की है। विस्तार के लिए इस बार पार्टी ने तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल को चुना है। पार्टीशासित राज्यों में संगठन और सरकार को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए पार्टी नए जातीय, सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण पर आगे बढ़ रही है। विपक्षशासित राज्यों में रणनीति बनाने का जिम्मा एक बार फिर से गृह मंत्री अमित शाह को दिया गया है। इस क्रम में शाह अगले महीने बिहार, जम्मू कश्मीर और राजस्थान का दौरा करने वाले हैं।
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