सेरेना विलियम्स;थमा काला जादू का सफर
लेखक - संजय दुबे
खेल जगत में अनेक खेल का लोगो से परिचय खिलाड़ियों के माध्यम से होता है। अगर शानदार जानदार खिलाड़ी न रहे तो खेल को अपना अस्तित्व बचाने का खतरा खड़ा हो जाता है। यही नही अगर किसी देश के खिलाड़ी बेहतर न खेले तो उस देश का खेल और खेल का उस देश से नाता टूटने लगता है। वेस्टइंडीज उदाहरण है।आज कौन खिलाड़ी वेस्टइंडीज से खेल रहा है ये कठिन विषय हो गया है। वही कुछ खिलाड़ी ऐसे होते है जिसके कारण खेल और उनका देश भी लोगो के जुबां पर चढ़ जाता है। अमेरिका की सेरेना विलियम्स भी टेनिस जगत में ऐसी ही महिला खिलाड़ी रही जिन्होंने अपने खेल से सारी दुनियां को अचंभित करके रखा था। अपने मन मे एक इक्छा लिए आज उन्होंने टेनिस को अलविदा कह दिया। उनके मन मे महिला टेनिस का सर्वाधिक 25 ग्रेंड स्लैम खिताब जीतने का था। वर्तमान में 24 ग्रेंड स्लैम खिताब जीतने का रिकार्ड मार्गरेट कोर्ट के पास है। सेरेना विलियम्स 23 ग्रेंड स्लैम खिताब जीत चुकी थी लेकिन उनकी बढ़ती उम्र के साथ साथ टेनिस जगत में आती नई संभावनाओं ने सेरेना को 2017 के बाद एक भी खिताब आस्ट्रेलिया, फ्रेंच,विम्बलडन और अमेरिकी ओपन में जीतने नही दिया। 35 साल की उम्र में सेरेना ने अंतिम ग्रेंड स्लैम खिताब ऑस्ट्रेलिया में अपनी सगी बहन वीनस को हराकर जीता था। सेरेना विलियम्स 2018 के विम्बलडन और अमेरिकी ओपन के फाइनल में पहुँची थी लेकिन ओसाका और कारबेर ने उन्हें जीतने नही दिया। 2019 में भी सेरेना विलियम्स विम्बलडन और अमेरिकी ओपन में सिमोना हेलेप और बियांका ने हरा कर उनके खिताब की संख्या को बढ़ने नही दिया। अंततः आज सेरेना 23 ग्रेंड स्लैम खिताब के साथ विदा हो गयी। संयोग ये भी रहा कि जिस अमेरिकन कोर्ट से सेरेना ने अपना ग्रेंड स्लैम खिताब 1999 में जीत कर शुरू किया था उसी कोर्ट में वे आज अंतिम मैच खेला।
टेनिस को विश्व मे गोरे रंग वालो का खेल माना गया है। इस खेल में एशिया का कोई खिलाड़ी जीता भी है तो वे मूलतः उस देश के निवासी नही थे जैसे माइकल चांग और नाओमी चीन और जापान मूल के होने के बावजूद अमेरिकी नागरिक है।
महिला टेनिस में तो गोरे रंग के खिलाड़ियों का 1999 तक वर्चस्व रहा लेकिन विलियम्स बहनों ने अगले दो दशक तक चारो कोर्ट में अपनी सल्तनत बना ली थी। दोनो बहनों ने 81 खिताब में से 33 खिताब जीते ।
सेरेना विलियम्स तो जिस तरह से 2017 तक खेली उससे लगता था कि वे आसानी से मार्गरेट कोर्ट का रिकॉर्ड तोड़ देंगी लेकिन बढ़ती उम्र, विवाह और बच्चे के कारण कही न कही वे पीछे होती गयी।
सेरेना विलियम्स ने 7 -7 बार आस्ट्रेलिया और विम्बलडन खिताब जीता, 6 अमेरिकी और 3 फ्रेंच ग्रेंड स्लैम जीता। 2012 के लंदन ओलंपिक में गोल्ड मेडल भी जीता। विश्व मे स्टेफी और सेरेना विलियम्स ही दो ऐसी महिला खिलाड़ी है जो चारो ग्रेंड स्लेम और ओलिम्पिक गोल्ड जीती है।
सेरेना विलियम्स 2002 में अगर ऑस्ट्रेलिया ओपन जीत गयी होती तो एक साल में चारो खिताब जीतने वाली तीसरी महिला होती लेकिन वे हार गई 2015 में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया, फ्रेंच और विम्बलडन जीत ली थी लेकिन अमेरिकी ओपन में हार गई। टेनिस में सबसे कठिन कार्य एक साल में चारो ओपन ग्रेंड स्लैम जीतना माना जाता है।
बहरहाल आज सेरेना ने टेनिस को अलविदा कह दिया। टेनिस जगत की इस महान खिलाड़ी का काला जादू हर कोई याद रखेगा विशेष कर खेल में रंग बदलने को लेकर
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