आजाद ने सबके सामने रखा राजनीतिक रोडमैप, सधे भाषण से सबको जोड़ने की कोशिश

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कांग्रेस से इस्तीफा देकर नई पार्टी के गठन की घोषणा करने वाले गुलाम नबी आजाद ने अपनी पहली सार्वजनिक सभा के जरिये राजनीतिक पार्टी का रोडमैप सबके सामने रखा। पार्टी के एजेंडे के साथ ही पूरा फोकस प्रदेश के विकास पर केंद्रित किया। केवल कांग्रेस, भाजपा व अपनी पार्टी को निशाने पर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कश्मीर केंद्रित पार्टियों पर टिप्पणी से बचे। इसका साफ संकेत है कि वह विधानसभा चुनाव बाद की तस्वीर देख रहे

राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के साथ दोस्ती और भाजपा की ए टीम के लग रहे आरोपों को उन्होंने धोने की कोशिश की। कहा कि एक देश की बात करने वाले खुद ही जम्मू-कश्मीर में अलग बोली बोल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में जिसे डीडीसी कहते हैं उसे देश के अन्य हिस्सों में जिला परिषद कहा जाता है। यहां के लोगों को गुमराह करने की कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती के बारे में कुछ भी सफाई नहीं दी। न ही उनके साथ आत्मीय संबंधों का कोई जिक्र किया।

कश्मीर केंद्रित पार्टियों नेकां, पीडीपी या गुपकार गठबंधन का जिक्र नहीं किया, लेकिन अपनी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि एक नई पार्टी है जिनके विषय में वह बहुत नहीं जानते हैं, लेकिन वह अनावश्यक ही उन्हें लेकर बयानबाजी कर रही है। फारूक की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इस्तीफे के बाद अफसोस जताया था और उनका समर्थन किया था। वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। उनके बीच प्यार और नफरत भरे संबंध हैं। 

हो सकता है कि वे एक दूसरे के खिलाफ चुनाव भी लड़ें लेकिन एक नेता वह है जो चुनाव से घबराता नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. हरिओम का कहना है कि आजाद की सभा ने राजनीतिक रोडमैप जारी किया है। आगे उनके साथ कितनी जनता जाती है यह समय बताया जाएगा। पहले भी नई पार्टियां बनीं तो लोगों का रुझान रहा, लेकिन लंबे समय तक यह सिलसिला जारी नहीं रहा। 

सधे भाषण से हर तबके को जोड़ने की कोशिश

 आजाद ने बड़ी सोची समझी रणनीति के तहत सधा हुआ भाषण देकर समाज के सभी तबके को जोड़ने की कोशिश की। बेरोजगारों, किसानों और कश्मीरी पंडितों के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि पंडितों की सम्मानजनक वापसी पार्टी की प्राथमिकता होगी। बेरोजगारों के लिए भी योजना है।

पहाड़ी इलाकों को पर्यटकों के लिए आकर्षित किया जाएगा और रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। आजाद ने ढाई लाख बेघर लोगों को छत दिलवाने का वादा करने के साथ ही कहा कि जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों का समान विकास किया जाएगा।


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