हर दिन 1 लाख बैरल कम होगा कच्चे तेल का उत्पादन

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कच्चा तेल उत्पादन करने वाले देशों की संस्था ओपेक+ ने एक अहम ऐलान किया है। दरअसल, ओपेक ने अगले महीने यानी अक्टूबर से उत्पादन में 100,000 बैरल प्रति दिन की कमी करने का फैसला किया है। इस बीच, कच्चे तेल की कीमतों में 4 डॉलर प्रति बैरल तक का उछाल आ गया।

भारत पर असर: वैसे तो ओपेक प्लस देशों ने कच्चे तेल के दाम में स्थिरता के लिए यह कटौती की है लेकिन यह भारत के लिए बुरी खबर है। उत्पादन में कटौती से कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे। वहीं, कच्चे तेल का आयात भी महंगा हो जाएगा। ऐसे में तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा सकती हैं। आपको बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। तेल की कीमतों में वृद्धि से आयातित मुद्रास्फीति बढ़ जाती है। फिलहाल, कच्चा तेल 96 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया।

तेल उत्पादन में कटौती पर टिप्पणी करते हुए, प्रभुदास लीलाधर में कमोडिटीज एंड करेंसी रिसर्च एनालिस्ट मेघ मोदी ने कहा-तेल उत्पादक अक्टूबर के लिए उत्पादन में 100,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) की कमी करेंगे, जो वैश्विक मांग का केवल 0.1% है। इससे कच्चे तेल की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव होगा।


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