केंद्र को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, ये घूमने की जगह नहीं... जो जब चाहे चले आए

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सुप्रीम कोर्ट ने अपील दाखिल करने में 737 दिन की देरी को माफ करने से इन्कार करते हुए सोमवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा, ये कोई ‘घूमने की जगह’ नहीं, जो आपका जब जी चाहे तब चले आएं। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने देरी के लिए माफी की मांग वाली अर्जी खारिज करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

यह रकम अपील दाखिल करने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से वसूली जाएगी। दो महीने में वसूली का प्रमाण अदालत में सौंपना होगा। सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा, इस मामले में पैसे दांव पर हैं। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पीठ ने कहा, क्या हम सरकार के लिए पैसे वसूलने वाले हैं? ऐसा हरगिज नहीं है।

सीवीसी में रिक्तियों पर तीन सप्ताह में केंद्र से मांगा जवाब केंद्रीय सतर्कता आयोग में अरसे से खाली रिक्तियां भरने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा।

सुनवाई के दौरान पीठ ने पूछा कि आखिर सीवीसी की स्थिति क्या है? याचिका में कहा कि कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने जुलाई, 2020 में सतर्कता आयुक्त और मई, 2021 में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद भरने के विज्ञापन जारी किए थे। लेकिन अब तक कोई नियुक्ति नहीं की गई।


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