नाबालिगों को भेजा जाएगा बाल संरक्षण गृह, जल्द शुरू होगा अभियान, जानें क्या है वजह

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छत्तीसगढ़ में भिक्षावृत्ति में छोटे बच्चों की संख्या बड़ी आसानी से देखने को मिल जाती है, परंतु संबंधित विभाग द्वारा गिनती की कार्रवाई कर श्रेय लेने की होड़ लग जाती है। शहर में एक महीने के लाकडाउन के दौरान ज्यादातर ये बच्चे अलग-अलग वार्डों में घूमते नजर आए, वहीं बस स्टैंड के पास बड़ी संख्या में ये बच्चे आज भी आसानी से देखने मिल जाते हैं। ऐसे घुमंतु, नशे के आदी व भिक्षावृत्ति करने वाले नाबालिगों को लेकर अभियान शुरू किया जायेगा।

भिक्षावृत्ति करने वाले 8 साल तक के बच्चों का रेस्क्यू कर बाल संरक्षण गृह में भेजा जायेगा। यह अभियान कवर्धा शहर के अलग-अलग वार्डों में जारी किया जायेगा। बाल संरक्षण की टीम, पुलिस व महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम कर रेस्क्यू कार्य में जुटी है।

आपको बता दें कि शून्य से 18 वर्ष तक के किसी भी बालक या बालिका द्वारा भीख मांगना या मंगवाया जाना बाल भिक्षावृत्ति है। बाल भिक्षावृत्ति एक अपराध है, इससे बच्चों के मानसिक, शारीरिक एवं शिक्षा स्तर निम्न हो जाता है जो कि उनके अधिकारों का हनन है।


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