विपक्षी एकता को ममता बनर्जी का झटका? नीतीश कुमार से बैर नहीं, कांग्रेस-लेफ्ट की खैर नहीं

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों विपक्षी एकता की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिल्ली का दौरा कर विभिन्न दलों के करीब एक दर्जन नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में होने वाली एक रैली में ममता बनर्जी के भी शामिल होने की भी संभावना है। हालांकि, इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ने अपने तेवर दिखा दिए हैं। उनकी पार्टी ने ना सिर्फ उन्हें प्रधानमंत्री पद का योग्य उम्मीदवार माना है, बल्कि उन्होंने खुद कांग्रेस और लेफ्ट जैसी विपक्षी पार्टियों के साथ हाथ मिलाने से परहेज के संकेत दिए हैं।

कल कोलकाता में आयोजित पार्टी की एक महत्वपूर्ण और बड़ी बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार की ही तरह विपक्षी एकता की वकालत जरूर की, लेकिन उन्होंने जिन दलों के नाम लिए उनमें मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ही गायब रही। इसके अलावा उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि 2024 में लेफ्ट के साथ भी उनका गठबंधन नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन के अलावा समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राजद के तेजस्वी यादव और अन्य नेता बीजेपी को 2024 में सत्ता से बेदखल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस का साथ देंगे।


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