क्यों RSS पर भाजपा ने जताया है भरोसा

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को मिली करारी हार ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है. 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में महज 15 सीटों पर सिमट गई. उसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव, नगरी निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है.लगातार हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राज्य के दिग्गज नेताओं को किनारे करते हुए आरएसएस के नेताओं पर भरोसा जताया है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव 2023 के लिए इस बार आरएसएस की पृष्ठभूमि से जुड़े नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है हाल फिलहाल में जो भी पार्टी में नियुक्ति की गई है. उनमें RSS बैकग्राउंड वाले लोगों को शामिल किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में भाजपा को सत्ता में वापस लाने की जिम्मेदारी आरएसएस की तिकड़ी राष्ट्रीय सगसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल के साथ भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष बिलासपुर के सांसद अरुण साव को सौंपी है. भाजपा इनके भरोसे अपनी चुनावी नैया पार लगाना चाहती है. वहीं सरकार को सदन में घेरने धरमलाल कौशिक के स्थान पर नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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