श्रीमती साधना शंकर जी की उपन्यास ‘आरोहण'अवचेतन मन को खोलती है

दिल्ली में साधना शंकर की पुस्तक ‘आरोहण'पर भी परिचर्चा हुई

feature-top

दिल्ली में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बुक क्लब ‘गुफ्तगू’ द्वारा भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी श्रीमती साधना शंकर जी के उपन्यास आरोहण पर एक परिचर्चा का आयोजन दिनांक10 सितंबर 2022 शनिवार को किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर साधना शर्मा जी ने लेखिका एवं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती शंकर का स्वागत करते हुए कहा कि एक नवीन विधा में इस प्रकार की पुस्तक हिंदी में आयी है यह उत्साह का विषय है और ऐसे लेखन की संभावनाओं की ओर संकेत किया | लेखिका ने अपनी पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर बात करते हुए भविष्य में संभव एक वैकल्पिक मानव सभ्यता और उसके अनुरूप आए हुए बदलावों की बात की। इस परिचर्चा में दिल्ली विश्वविद्यालय हिंदी विभाग की प्रोफेसर सुधा सिंह जी ने भी शिरकत की। उन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस उपन्यास के भीतर भविष्य की चिंताओं के साथ-साथ अनेक अन्य बिंदु भी निहित हैं, जिनमें जेंडर का उन्होंने प्रमुखता से उल्लेख किया। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के दौरान लेखिका से अनेक प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने उत्तर दिया। इसी कार्यक्रम के दौरान हिंदी विभाग की सेवानिवृत्त सदस्य डॉक्टर राधिका सिंह की कविता-संग्रह पुस्तक ‘राग रंग जीवन के’ का भी लोकार्पण किया गया। उन्होंने अपनी चंद कविताओं का पाठ भी किया। आज की चर्चा के केंद्र में रही पुस्तक ‘आरोहण’(उपन्यास) बड़ी खूबसूरती से बताता है कि सहजीविता का भाव उत्तरजीविता की लालसा का हाथ पकड़, अमरत्व और अति व्यक्तिवादिता की दिशा में बढ़ता चले तो क्या हो सकता है? साझापन और आदमी से इंसान बनने की प्रक्रिया में अर्जित की गई तमाम संवेदनशीलता क्या नेपथ्य में चला जाएगा? क्या तकनीक ही अंतिम सत्य हो जाएगा? इन्हीं प्रश्नों से यह कृति जूझती। 

कार्यक्रम धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ। संयोजक समिति सदस्यों डॉ. शिवानी जॉर्ज, डॉ. आमना मिर्ज़ा, मनप्रीत कौर और डॉ. चयनिका उनियाल का इस सार्थक कार्यक्रम के आयोजन के लिए विशेष आभार व्यक्त किया गया|


feature-top
feature-top