यूपी में अफसरों की मेहरबानी से बिक रही हैं घटिया आयुर्वेदिक दवाएं, पोल खुलने पर भी चुप्पी

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प्रदेश में घटिया आयुर्वेदिक दवाओं का कारोबार चल रहा है। किसी दवा की गुणवत्ता खराब है तो किसी में संबंधित तत्व ही नहीं है। जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हो रहा है। इसके बाद भी अफसर मौन हैं। वे अब दवाओं के सैंपल लेने से ही कतराने लगे हैं। ऐसे में इन अफसरों की मेहरबानी से लोगों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। प्रदेश में आयुर्वेद विभाग के अधीन दवाओं की जांच केलिए अलग से ड्रग इंस्पेक्टर नहीं हैं। यह जिम्मा हर जिले के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के पास है। इन्हें हर माह कम से कम दो सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने का निर्देश है, लेकिन ये अधिकारी सैंपल लेने में कतराते हैं। सूत्रों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों और आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनियों की सांठगांठ से यह खेल रहा है।


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