कांग्रेस के लिखित न्यौते पर मंदिर पहुंचे RSS प्रमुख:मोहन भागवत ने किए माता कौशल्या के दर्शन

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने छत्तीसगढ़ में रायपुर के पास चंदखुरी जाकर कौशल्या माता मंदिर में दर्शन पूजन किए हैं। यह पहली बार है कि RSS और भाजपा के किसी बड़े नेता ने चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर का दर्शन किया हो। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें आमंत्रित किया था। सोमवार को रायपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश दुबे के हाथों कांग्रेस ने बकायदा निमंत्रण पत्र देकर उन्हें आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, उम्मीद है कि उन्हें भांचा (भांजे) राम की शक्ति का अहसास हुआ होगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय समन्वय बैठक में रायपुर पहुंचे सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत मंगलवार दोपहर रायपुर के पास चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर पहुंचे। उनके साथ में संघ के प्रांत संघचालक डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना और महानगर संघचालक महेश बिड़ला भी मंदिर पहुंचे थे। मंदिर में पहुंचने पर पुजारी ने तिलक लगाकर भागवत का स्वागत किया। मोहन भागवत ने यहां विधि-विधान से माता कौशल्या और भगवान श्रीराम के बालरूप की पूजा-अर्चना की। मंदिर दर्शन के बाद मोहन भागवत माना स्थित श्री जैनम मानस भवन लौट आए। यहीं पर संघ की बैठक चल रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छह सितम्बर को एक बयान में संघ प्रमुख को चंदखुरी जाकर मंदिर दर्शन करने और गोठान देखने के लिए आमंत्रण दिया था। सोमवार को संघ के पदाधिकारी मनमोहन वैद्य ने प्रेस से बातचीत में कहा, उन्हें किसी ने लिखित में निमंत्रण तो दिया ही नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रायगढ़ दौरे के दौरान मन माेहन वैद्य के बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कह दिया कि इसमें कौन सी बड़ी बात है। उन तक लिखित में आमंत्रण भी पहुंच जाएगा। सोमवार शाम काे रायपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे दो पृष्ठों को लिखित निमंत्रण पत्र लेकर माना स्थित जैनम मानस भवन पहुंच गए।

मुख्यमंंत्री भूपेश बघेल ने यह कहा है

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा, हमने मोहन भागवत जी को कौशल्या माता मंदिर दर्शन के लिए आमंत्रित किया था। मुझे विश्वास है कि वहां पहुंचकर उन्हें शांति की अनुभूति हुई होगी। मंदिर का नया स्वरूप, माता कौशल्या की ममता, भांचा राम की शक्ति का उन्हें एहसास हुआ होगा। हम उन्हें गोठान भी देखने के लिए आमंत्रित करते हैं जिससे गौ माता की सेवा, उन्हें उत्पादकता से जोड़ना इत्यादि जान सकें। संस्कृत अनिवार्य विषय के साथ स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना के अंतर्गत तैयार शानदार स्कूल भी देखेंगे तो शिक्षा, संस्कार और आधुनिकता को एक साथ जोड़ना भी सीख सकेंगे।


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