अनाथ शब्द से नहीं जुड़ा कोई कलंक, इसे बदलने की जरूरत नहीं

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अनाथ शब्द से कोई सामाजिक कलंक नहीं जुड़ा है। इसका अर्थ है अनाथ। इसलिए इसे बदलने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ एनजीओ स्वनाथ फाउंडेशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अनाथ शब्द को बदलकर स्वनाथ करने की मांग की गई थी। पीठ ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसमें अदालत को हस्तक्षेप करना चाहिए।
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