केवल 6 विधायकों के साथ जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनना चाहते थे ये नेता

feature-top

पीपुल्स कान्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन 2018 में विधानसभा भंग होने से ठीक पहले जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, हालांकि उनके पास केवल छह विधायक थे। ये खुलासा एक साक्षात्कार में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन और अब मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किया। वे राज्य के अंतिम राज्यपाल थे। मलिक उन परिस्थितियों पर बात कर रहे थे जिसके आधार पर उन्होंने नवंबर 2018 में विधानसभा भंग कर दी थी।

जम्मू और कश्मीर विधानसभा के विघटन से पहले के राजनीतिक चालबाजियों पर चर्चा करते हुए मलिक ने कहा कि वही लोन अब केंद्र सरकार की आंखों का तारा बना हुआ है। उन्होंने लोन से समर्थन के संबंध में लिखकर देने को कहा था। इसके जवाब में लोन ने कहा कि उसके पास 6 विधायक हैं लेकिन अगर आप शपथ दिला देंगे तो एक सप्ताह में अपना बहुमत सदन में साबित कर देंगे। 

इससे पहले जून 2018 में महबूबा के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा सरकार भाजपा के गठबंधन से बाहर होने से गिर गई थी। मलिक ने बताया, उन्होंने लोन से कहा था, राज्यपाल की भूमिका के रूप में मैं ये नहीं करूंगा। सुप्रीम कोर्ट मुझे कोड़े मारेगा।

नहीं मिला केंद्र से कोई सुझाव

उन्होंने बताया कि उन्होंने इस संबंध में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से बात की और केंद्र से दिशा-निर्देश मांगे थे। उन्होंने जेटली से कहा था कि अगर उन्हें महबूबा मुफ्ती से सरकार बनाने का दावा करने वाला पत्र मिलता है, तो मैं उन्हें शपथ के लिए बुलाने के लिए बाध्य हूं।

लेकिन इस संबंध में केंद्र ने मुझे कोई सुझाव नहीं दिया। इसके बाद नवंबर 2018 में उन्होंने विधानसभा भंग कर दी। महबूबा मुफ्ती कांग्रेस और एनसी समेत 56 विधायकों के समर्थन पत्र मुझे सौंपना चाहती थीं लेकिन राज भवन की फैक्स मशीन खराब होने के चलते वे ऐसा नहीं कर सकीं।


feature-top