मध्य एशिया में किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच सीमा विवाद को लेकर बढ़ा टकराव

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सोवियत संघ के दो पूर्व घटक देशों किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान ने एक दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है. दोनों देश सीमा पर होने वाले हिंसक झड़पों को रोकने के लिए संघर्ष विराम समझौते पर सहमत हुए थे. लेकिन शुक्रवार को दोनों देशों ने एक दूसरे पर विवादित सीमा पर भारी गोलीबारी करने का आरोप लगाया.

इस बीच शुक्रवार को ही शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान समरकंद में रूस के मध्यस्थता से किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के राष्ट्रपतियों की मुलाकात भी हुई जिसके बाद सीमा विवाद को हल करने के लिए बनाए गए आयोग के काम को और तेज़ करने पर सहमति बनने की बात कही गई है.

किर्गिस्तान का कहना है कि ताजिक सेना ने दक्षिण पश्चिम सीमा पर बाटकेन के इलाके में शुक्रवार को गोलाबारी करने का आरोप लगाया है. किर्गिस्तान ने ये आरोप भी लगाया है कि ताजिक सेना ने सीमा चौकी पर गोलाबारी में रॉकेट लॉन्चर्स के इस्तेमाल किया है. किर्गिस्तान के स्वाथ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "बाटकेन क्षेत्र के अस्पताल में 24 शव लाए गए हैं."

दूसरी तरफ़, ताजिकिस्तान के एक सरकारी न्यूज़ पोर्टल ने बोर्डर गार्ड सर्विस के हवाले से कहा है कि किर्गिस्तान की मिलिट्री सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत कर रही है और उसने तीन गांवों पर गोलाबारी की है. दोनों देशों की 600 मील लंबी सीमा लगती है और इस सीमा के लगभग आधे हिस्से पर दोनों देशों के बीच विवाद है.

।्साल 2021 में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 50 लोग मारे गए थे. टकराव बढ़ने की आशंका को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले हज़ारों लोगों ने मजबूर होकर वहां पलायन कर गए हैं.


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