वक्फ ऐक्ट के खिलाफ भाजपा नेता की याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट, तब तो भू माफियाओं की चांदी हो जाएगी

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वक्फ ऐक्ट के खिलाफ भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां सवाल कानून का हो वहां धर्म को लाने की क्या जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि अगर इस वक्फ ऐक्ट के खिलाफ कोई फैसला लिया गया तो कब्जा करने वालों की चांदी हो जाएगी। उन्हें खुली छूट मिल जाएगी।

जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने कहा, मुझे इस बात का दुख है कि आप अपनी याचिका में धर्म को चुनौती दे रहे हैं। हमें लगता है कि किसी कानून के खिलाफ बात रखने के लिए धर्म को बीच में नहीं लाना चाहिए। बता दें कि अश्विनी उपाध्याय ने वक्फ ऐक्ट के खिलाफ याचिका दाखिल की है। यह कानून 1954 में लाया गया था जिसके तहत वक्फ संपत्तियों के बारे में फैसले किए जाते हैं।

1995 में इस कानून में संशोधन किया गया और जिसके मुताबिक हर राज्य में वक्फ बोर्ड बनाया जाना था। इसमें दो सदस्य मुस्लिम होने जरूरी थे। इसके अलावा ऐक्ट में कहा गया था कि राज्य से ही कोई न्यायिक अधिकारी और दो अन्य सदस्य बोर्ड में रह सकते हैं जो कि जरूरी नहीं है कि मुस्लिम ही हों। यही बोर्ड वक्फ संपत्तियों के विवाद को सुलझाएगा।

उपाध्याय की याचिका में तर्क दिया गया था कि केवल मुसलमानों को ही इस तरह का अधिकार क्यों दिया गया जबकि हिंदुओं के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा, अगर आप ट्राइब्यूनल हमें होते तो क्या धर्म के आधार पर फैसला करते। ऐसे में मामलों में धर्म को आखिर कैसे लाया जा सकता है। वहीं याचिका में कहा गया था कि यह कानून समानता के अधइकार और भेदभाव के खिलाफ अधिकार का उल्लंघन करता है। इस बात पर बेंच ने कहा कि ऐसा प्रावधान आप ढूंढकर लाइए जिसमें ऐसी कोई बात कही गई है।


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