गांधी परिवार के बस में नहीं अशोक गहलोत जैसे क्षत्रप, राजस्थान में भी अब पंजाब वाला डर

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कांग्रेस में हाईकमान कल्चर कमजोर होता दिख रहा है और यही वजह है कि पंजाब से लेकर राजस्थान तक में पार्टी गहरे संकट में फंसती दिख रही है। मुख्यमंत्रियों को चुनने से लेकर उन्हें बीच कार्यकाल में बदलने तक कांग्रेस को बड़े संकट का सामना कई राज्यों में करना पड़ा है। इसके चलते हाईकमान की शक्ति और उसके फैसलों पर भी सवाल उठे हैं। स्थानीय स्तर पर महत्वाकांक्षा और दो गुटों के बीच मुकाबले ने सत्ता के हस्तांतरण को कांग्रेस के लिए हमेशा ही चुनौती बनाया है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार भी ऐसे ही संकट में फंसती दिख रही है। कुल 82 विधायकों ने रविवार को इस्तीफा दे दिया और विधायक दल की बैठक में भी नहीं पहुंचे।

आपसी लड़ाई में पंजाब में गंवा दी थी सत्ता 

तब कांग्रेस हाईकमान ने कमलनाथ को कमान दी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की उनसे नहीं बनती थी। अंत में दो साल बाद सिंधिया ने कांग्रेस ही छोड़ दी और अब वह भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। सबसे ताजा उदाहरण तो पंजाब का ही है, जहां बीते साल चुनाव से ठीक पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी ने सीएम पद से हटा दिया था। इसके बाद सिद्धू भी रेस में थे, लेकिन उनकी बजाय पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया था। दोनों में लगातार अदावत रही और उसका नतीजा विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था। कांग्रेस को महज 18 सीटें ही मिलीं, जो 2017 में बहुमत से जीती थी।


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