मुफ्त की रेवड़ियों पर लगेगी लगाम

गुजरात और हिमाचल चुनाव से पहले लागू हो सकते हैं नए नियम

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! गुजरात और हिमाचल प्रदेश के दिसंबर में आसन्न विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को मुफ्त के वादे करने से रोकने के लिए तंत्र बनाने की पहल शुरू की है, जिसे वह चुनावों की घोषणा से पहले ही अमली जामा पहना देगा। सूत्रों के अनुसार, संभावना है कि आयोग इन दोनों राज्यों तथा संभवत: जम्मू कश्मीर में चुनावों की घोषणा अक्तूबर के अंतिम दिनों में कर देगा और घोषणापत्र के विनियमन को इन चुनावों से ही लागू कर दिया जाएगा।

चुनाव घोषणाओं को विनयमित करने के लिए की गई कवायद में आयोग ने विस्तार से सुप्रीम कोर्ट के 24 अप्रैल 2015 के फैसले (एस सुब्रहमण्यम बालाजी बनाम तमिलनाडु राज्य तथा अन्य) का हवाला दिया है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को अधिकृत किया था कि वह घोषणापत्र में मुफ्त के वादों को विनियमित करने के लिए उसे आदर्श चुनाव आचार संहिता (एमसीसी) में शामिल करे। आयोग ने कहा कि चुनावों की बारंबारता भी काफी हो गई है, जिस कारण दलों द्वारा दी गई अपर्याप्त जानकारी से उसके प्रभाव और भी कम हो रहे हैं।


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