दशहरा आज, जानिए पूजा शुभ मुहूर्त, शमी पूजन और नीलकंठ के दर्शन का महत्व

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आज पूरे देशभर में विजयादशमी का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार असत्य पर सत्य के जीत के प्रतीक के रूप में हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान राम ने लंका नरेश और महान ज्ञानी रावण को युद्ध में परास्त करके वध किया था। इसके अलावा इसी तिथि पर मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के दैत्य का संहार किया था। इसी कारण से विजयादशमी का त्योहार हर वर्ष रावण,मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले का दहन करके मनाया जाता है। दशहरे के दिन पंडालों में स्थापित मां दु्र्गा की पूजा का समापन हो जाता है। आइए जानते हैं दशहरे का महत्व और पूजा मुहूर्त।

दशहरे का पर्व एक अबूझ मुहू्र्त ज्तोतिष शास्त्र के मुताबिक साल भर में कुछ ऐसे त्योहार आते हैं जिसमें किसी भी तरह का शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखें किए जा सकते हैं। दशहरा की तिथि यानी अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को एक अबूझ मुहूर्त माना गया है। अबूझ मुहूर्त में सभी तरह के शुभ कार्य, शुभ खरीदारी और अनुष्ठान किए जा सकते हैं। इस अबूझ मुहूर्त में शुभ कार्य करना बहुत ही फलदायी होता है। इस बार विजयादशमी पर रवि,सुकर्मा और धृति योग भी बन रहे हैं। ज्योतिष में इन योगों का बहुत ही शुभ माना गया है।

विजयादशमी तिथि 2022 दशमी तिथि प्रारंभ - 4 अक्टूबर, दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से दशमी तिथि समापन -5 अक्टूबर, दोपहर 12 बजे विजय मुहूर्त :14:07 से 14:54 तक अवधि : 47 मिनट अपराह्न मुहूर्त :13:20 से 15:41 तक।

नीलकंठ के दर्शन है शुभ

लंकापति रावण पर विजय पाने की कामना से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे।नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि माना गया है।दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभफल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय,धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।


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