महाराज' सिंधिया ने राजवंश की परंपरा निभाई, दशहरे पर तलवार की नोक से छुआ शमी वृक्ष, जनता ने लूटा सोना

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बुधवार को दशहरे पर्व पर लोगों को ग्वालियर रियासत की परंपरा एक बार फिर देखने को मिली। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया न सिर्फ राजशाही पोशाक में नजर आए बल्कि उन्होंने रियासत की प्राचीन परंपराओं को महाराज के रूप में निभाया। सिंधिया राजवंश में दशहरे के मौके पर शमी वृक्ष का पूजन किया जाता है। बुधवार को सिंधिया राजवंश के वशंज और महाराजा के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तलवार की नोक से शमी वृक्ष को छुआ, वहीं जनता सोना लूटने उमड़ी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में उनकी कुलदेवी मांडरे की माता मंदिर के नीचे स्थित दशहरा मैदान पर हर साल की तरह शमी वृक्ष का पूजन किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके पुत्र 'युवराज' महान आर्यमन सिंधिया ने भी शमी वृक्ष का पूजन किया। जैसे ही महाराज सिंधिया ने राजपुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच तलवार से शमी वृक्ष को छुआ वहां मौजूद ग्वालियर की जनता सोना (शमी के पेड़ की पत्ती) लूटने दौड़ पड़ी।


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