यूक्रेन की जंग ऐसे चकनाचूर कर रही है व्लादिमीर पुतिन के ख़्वाब

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले हफ़्ते मॉस्को के मशहूर लाल चौक पर आयोजित एक भव्य समारोह में यूक्रेन के चार बड़े भूभागों को रूस के साथ मिलाने के बाद ये बात कही है. उन्होंने कहा है - "जीत हमारी होगी!" लेकिन वास्तविक दुनिया में हालात बिलकुल अलग नज़र आ रहे है. पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के इलाक़ों को रूस में मिलाने वाली अवैध संधियों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. लेकिन यूक्रेन की सेनाएं रूस के कब्ज़े वाले क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. सैकड़ों रूसी युवा युद्ध लड़ने के लिए सेना में भर्ती होने की जगह रूस से भागते दिख रहे हैं. और युद्ध क्षेत्र में स्थितियां इतनी ख़राब होती जा रही हैं कि पुतिन और उनके समर्थक अपने लक्ष्य को बदलते दिख रहे हैं. पहले दावा किया जा रहा था कि इस संघर्ष का उद्देश्य यूक्रेन को नाज़ी विचारों में यकीन रखने वालों से मुक्त कराना और रूसी भाषी लोगों की रक्षा करना है. लेकिन अब इस संघर्ष को पश्चिम के ख़िलाफ़ अस्तित्व की लड़ाई को रूप में दिखाने की कोशिश की जा रही है. असल में सच यही है.


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