UNHRC में चीन पर वोटिंग से भारत दूर क्यों? विपक्ष के सवाल, सरकार का जवाब

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शिनजियांग में मानवाधिकारों की स्थिति पर मतदान से दूर रहने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि किसी देश विशेष से जुड़े प्रस्ताव पर मतदान नहीं करना कूटनीति पर आधारित है। भारत ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए बातचीत का पक्षधर है। शिनजियांग प्रांत के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। बता दें कि भारत ने शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा के लिए यूएनएचआरसी में एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।

47 सदस्यीय परिषद में यह मसौदा प्रस्ताव खारिज हो गया, क्योंकि 17 सदस्यों ने पक्ष में तथा चीन सहित 19 देशों ने मसौदा प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया। भारत, ब्राजील, मैक्सिको और यूक्रेन सहित 11 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मसौदा प्रस्ताव कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका के एक कोर समूह द्वारा पेश किया गया था, और तुर्की सहित कई देशों ने इसे सह-प्रायोजित किया था।


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