जेल में बंद व्यक्ति क्यों नहीं डाल सकता वोट? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब

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सुप्रीम कोर्ट ने जन प्रतिनिधित्व कानून के एक प्रावधान की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने गृह मंत्रालय (एमएचए) व इलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी किया। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिका पर वकील जोहेब हुसैन दलीलें पेश कर रहे थे।

जनहित याचिका राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्र आदित्य प्रसन्ना भट्टाचार्य की ओर से दायर की गई है। इसमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 62 (5) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जो जेल में बंद व्यक्ति को चुनाव में वोट डालने से रोकती है। पीठ ने जनहित याचिका पर आगे की सुनवाई 29 दिसंबर को तय की है।


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