उथला पानी और चट्टानें बनीं अधिक मौतों की वजह", बोले NDRF के प्रमुख

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मोरबी पुल हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या कम भी हो सकती थी, अगर उस दौरान पुल के नीचे उथला पानी और चट्टाने नहीं होती. ऐसा कहना है एनडीआरएफ के प्रमुख का. इस रेस्क्यू की अगुवाई कर रहे एनडीआरएफ कमांडेंट वीवीएन प्रशन्ना कुमार ने मिडिया से कहा कि अगर घटना वाली जगह पर पानी का लेवल थोड़ा ज्यादा होता तो शायद मौत का आंकड़ा कम हो सकता था. उन्होंने बताया कि नदी के बीच के हिस्से में जहां पानी लगभग रुका हुआ है, जहां कोई बहाव नहीं है, की गहराई 20 फीट के करीब है. 

कुमार ने कहा कि ज्‍यादातर शव, टूटे हुए ब्रिज के नीचे पाए गए क्‍योंकि नदी में बहाव नहीं है और पानी इन्‍हें बहाकर दूर नहीं ले जा पाया. उन्‍होंने कहा कि सिविल एडमिनिस्‍ट्रेशन की ओर से लापता लोगों के लिए दिए गए आंकड़ों के आधार पर, अब केवल एक या दो शवों की ही तलाश होना बाकी है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मोरबी शहर के उस अस्‍पताल का दौरा किया जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है. उनकी इस यात्रा से पहले रातों-रात अस्‍पताल की व्‍यवस्‍थाओं में सुधार कर दिया गया. पीएम मोदी के अस्पताल पहुंचने से पहले अस्पताल की सूरत बहुत कम समय में बदल दी गई.


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