हरूल- हाथी की सुसज्जित प्रतिकृति पर बैठा प्रभावी व्यक्ति नृत्य भंगिमा का प्रदर्शन

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- * इस नृत्य में हाथी पर बैठा व्यक्ति हाथों में कुल्हाड़ीनुमा अष्ट्र घुमाते और उसके चारों तरह अन्य नृत्यक नाचते हैं। - समृद्धि के प्रतीक के रूप में हाथी पर बैठा व्यक्ति फूल और चावल छिड़कते हुए। - नृत्य के दौरान बनी चाई उद्घोषकों को पिलाई गई। -विशेष : हरूल- सिर पर केतली रखकर सर पर आग लगाकर चाय बनाने का प्रदर्शन. - हरूल- हाथी की सुसज्जित प्रतिकृति पर बैठा प्रभावी व्यक्ति नृत्य भंगिमा का प्रदर्शन.।। - अर्ध चंद्राकर गोले में रहकर हारुल नृत्य किया जाता है। हारुल अर्थात भगवान श्री गणेश की उपासना नृत्य में की जाती है.।।। - भगवान श्री राम के वनवास से आने पर दिए जलाकर स्वागत किया गया था, इसकी मनमोहक प्रस्तुति भी नृत्य के माध्यम से हो रही माता कौशल्या के धाम छत्तीसगढ़ में जीवंत हुआ भगवान राम के स्वागत का दृश्य.
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