किसका होगा आदमपुर सीट पर कब्जा, आज तय करेंगे 1.72 लाख मतदाता, छह को परिणाम

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आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में गुरुवार को 1.72 मतदाता तय करेंगे कि कभी भजनलाल परिवार के वर्चस्व वाली इस सीट पर अब कौन राज करेगा। छह नवंबर को नजीते आएंगे। यहां भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है और आप व इनेलो ने मुकाबले को और रोचक बना दिया है।

सत्ताधारी भाजपा-जजपा और भजनलाल परिवार के लिए यह विरासत बचाने की प्रतिष्ठा का सवाल है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बेटे सांसद यहां खूब पसीना बहाकर खुद को साबित करने की कोशिश की है। इनेलो प्रदेश में खोया हुआ वजूद दोबारा हासिल करने के प्रयास में है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल 2024 में पार्टी का भविष्य तलाश रहे हैं।

भाजपा को भजन परिवार से उम्मीद भजन लाल की तीसरी पीढ़ी मैदान में है। सबसे अधिक बार कांग्रेस ने यह सीट जीती है। भाजपा एक बार भी कमल नहीं खिला पाई। इस बार उसे भजनलाल परिवार के जरिये कमल खिलने की उम्मीद बंधी है।

कांग्रेस को गढ़ बचाने की चुनौती कांग्रेस के सामने अपनी परंपरागत सीट बचाने की चुनौती है। हार और जीत हुड्डा का कद तय करेगी। खेमों में बंटी कांग्रेस पार्टी की स्थिति भी चुनाव से तय होगी। आदमपुर को कांग्रेस की सीट करार देती रही है। 

आप तलाश रही अवसर आम आदमी पार्टी भी यहां अवसर पर देख रही है। वह इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर 2024 के आम चुनाव के लिए मौहाल बनाना चाहती है। खोने के लिए कुछ भी नहीं है और पाने के लिए बुहत कुछ है।


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