गुजरात चुनाव: पूर्व आईपीएस डीजी वंज़ारा ने बनाया राजनीतिक दल, सभी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

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गुजरात पुलिस के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डीजी वंज़ारा ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 'प्रजा विजय पक्ष' पार्टी बनाई है.

पार्टी महासचिव सामंत सिंह चौहान के अनुसार, प्रजा विजय पक्ष गुजरात विधानसभा चुनाव में सभी 182 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

डीजी वंजारा 1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. गुजरात पुलिस में उनकी छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है.

वे पहले क्राइम ब्रांच में थे और बाद में गुजरात एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड के मुखिया रहे. उसके बाद पाकिस्तान सीमा से सटी बॉर्डर रेंज के आईजी रहे.

वे 2002 से 2005 तक अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस थे. उनकी इस पोस्टिंग के दौरान करीब बीस लोगों का एनकाउंटर हुआ. बाद में सीबीआई जाँच में पता चला कि ये एनकाउंटर फ़र्ज़ी थे. कहा जाता है कि वे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे क़रीबी पुलिस अधिकारी थे.

फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में उन्हें अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में करीब 8 साल और मुंबई की जेल में एक साल तक रहना पड़ा.

गुजरात सरकार को वंज़ारा ने जेल के भीतर 2013 में अपना इस्तीफ़ा भेजा था जिसे सरकार ने नामंज़ूर कर दिया.

वंजारा ने 10 पन्नों के अपने इस्तीफ़े में कहा कि मोदी सरकार को मुंबई की तलोजा जेल या अहमदाबाद की साबरमती जेल में होना चाहिए.

वंजारा ने मोदी और पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह पर पुलिस तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया था.

इस्तीफ़े में वंज़ारा ने लिखा था, "इसलिए मैं एकदम साफ़ और स्पष्ट शब्दों में कहना चाहूंगा कि 2002 से 2007 के बीच क्राइम ब्रांच, एटीएस और बॉर्डर रेंज ने वही किया जो इस सरकार की नीति थी. हम लोग तो फ़ील्ड ऑफ़िसर होने के नाते सिर्फ़ उस नीति को अंजाम दे रहे थे."


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