ससुर-देवरानी डिंपल की राह के नए रोड़े?

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर 5 दिसंबर को उप चुनाव होना है। सपा ने मुलायम सिंह की बहू और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को वहां से चुनावी मैदान में उतारा है। अखिलेश यादव के लिए यह चुनाव जीतना घर-परिवार की इज्जत बचाने से लेकर नेताजी की विरासत बचाने और पार्टी की साख का सवाल बन गया है।

डिम्पल यादव को सबसे ज्यादा परेशानी घर-परिवार से ही होने की आशंका है। एक तरफ जहां उनकी देवरानी अपर्णा यादव उनकी खिलाफत कर रही हैं, तो दूसरी तरफ ससुर शिवपाल यादव भी अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। अपर्णा पिछले दिनों यूपी बीजेपी अध्यक्ष से मिल कर सियासी तापमान और पारिवारिक पारा दोनों बढ़ा चुकी हैं। वैसे अपर्णा इससे पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं। बीजेपी ने अभी तक यहां से उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, इसलिए राज्य के सबसे बड़े यादव परिवार में इसको लेकर भी बेचैनी हो सकती है कि कहीं यह लड़ाई बहू बनाम बहू न बन जाए? वैसे संभावना इस बात की ज्यादा है कि बीजेपी जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पिछले लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवार प्रेम सिंह शाक्य को फिर से उतार सकती है। 


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