ओलंपिक में क्रिकेट

लेखक - संजय दुबे

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ओलंपिक खेलो में क्रिकेट शामिल होने के बाद भी केवल एक बार ही में क्यों रुक गया?ये दिलचस्प है।

  क्रिकेट केवल दो देश खेला करते थे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया। दो देशों के खेल को मान्यता मिलती भी कैसी? दूसरा 5दिन का टेस्ट हुआ करता था,देशों के बढ़ने के बावजूद क्रिकेट 5 महाद्वीप का खेल नही था। 1975तक इस खेल की कोई विश्व स्तरीय चैंपियनशिप प्रतियोगिता नहीं थी। एकदिवसीय मैच शुरू हुए तो ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की उम्मीद बढ़ी। इक्कीसवीं सदी में 20-20ओवर के मैच शुरू हुए तो संभावना बढ़ी और अब परिणाम सामने है कि 2028 ओलंपिक खेलो में क्रिकेट भी एक खेल होगा

 क्रिकेट खेल की शुरुवात आधुनिक ओलंपिक खेलो(1896)के 19साल पहले ही हो चुकी थी केवल दो देश इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खेले जाने के कारण इस खेल को एथेंस ओलंपिक में स्थान देने की चर्चा हुई लेकिन क्रिकेट खेलने वाले दोनो देश सहित अन्य देश जो शौकिया क्रिकेट खेलते थे उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई। इस कारण क्रिकेट ओलंपिक खेलो में शामिल न हो सका।

 1900में ओलंपिक खेल को आधुनिक ओलंपिक के जनक पियरे द कुबर्तीन ने फ्रांस में ओलंपिक खेलो का आयोजन किया तो क्रिकेट भी शामिल हो गया लेकिन। कोई देश इस खेल में शामिल नहीं हुआ। फ्रांस में रह रहे ब्रिटेन के खिलाड़ियों ने दो क्लब के नाम से एंट्री ली और दोनो टीमें को बाद में इंग्लैंड और फ्रांस की टीम के रूप में स्वीकार्य कर लिया गया। दोनो टीम के 24खिलाड़ियों में अल्फ्रेड बॉबरमैन और मोंटागु टेलर के पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अनुभव था।

 डेवोन समरसेट वानडर्स ग्रेट ब्रिटेन और फ्रेंच एथलेटिक्स क्लब यूनियन फ्रांस की दो टीम के बीच रजत पदक और कांस्य पदक के लिए मुकाबला हुआ। बाद में इन दोनो को दो देश मान लिया गया । सीधे फाइनल मैच19- 20अगस्त 1900को खेला गया। दोनो टीम की तरफ से 12- 12खिलाड़ी खेले याने 11- 11विकेट गिरे।ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने पहले बल्लेबाजी की और फेड्रिक क्यूमिंग(38)और बीचक्राफ्ट (23) रन की मदद से 117 रन बनाए। फ्रांस के तरफ से एंडरसन ने 4विकेट लिए। फ्रांस की टीम केवल 78रन पर सिमट गई। फेड्रिक क्रिस्टियन ने 7विकेट लिए।

 ग्रेट ब्रिटेन की दूसरी पारी में अल्फ्रेड बॉवरमैन (59) और बीचक्राफ्ट (54)के अर्धशतक के बल पर 145/4 पर पारी घोषित कर दिया। फ्रांस की टीम की दूसरी पारी केवल 26रन पर सिमट गई। मोंटांगू टेलर ने 9रन देकर 7विकेट लेते हुए ग्रेट ब्रिटेन को विजेता बना दिया। ग्रेट ब्रिटेन 158 रन से मैच जीता।उस जमाने में स्वर्ण पदक नहीं दिए जाते थे सो रजत पदक ग्रेट ब्रिटेन को मिला। आगे चलकर ओलंपिक कमेटी ने रजत को स्वर्ण पदक के रूप में मान्यता दी।

इस अनोखे मैच में किस खिलाड़ी ने कितने ओवर फेके, कितने 4- 6लगाए इसका कोई रिकार्ड नही है। प्रिंटेड कागज में हाथ से स्कोर कार्ड बनाया गया था।

अब लास एंजेलिस (2028)ओलंपिक खेलो में क्रिकेट टी 20फार्मेट में खेला जाएगा। क्रिकेट खेलने वाले देशों को सुखद अहसास जरूर होगा क्योंकि हॉकी,फुटबाल,टेनिस जैसे आउटडोर खेल ओलंपिक में शामिल है।क्रिकेट अछूत ही था। l खेल की व्यवसायिक कीमत समझने वाले जान चुके है कि क्रिकेट का बाजार बहुत बड़ा है। चीन में हुए एशियाई खेलों में क्रिकेट का शामिल होना ओलंपिक के लिए रास्ता बनी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और पुरुष टीम के कप्तान ऋतुराज गायकवाड ज्यादा जश्न मना सकते है क्योंकि दोनो की कप्तानी में भारत क्रिकेट का 2स्वर्णपदक जीत कर आया है। ओलंपिक कमेटी ने भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली की लोकप्रियता को भी एक कारण बताया है इसके चलते भारत अपना कालर ऊंचा कर सकता है


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