फीस के खिलाफ अभिभावकों की अपील, निजी स्कूल तोड़मरोड़ कर फीस के लिए बना रही हैं दबाव

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हाईकोर्ट ने निजी स्कूल एसोसिएशन के द्वारा फीस वसूली के लिए दायर याचिका पर आए सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ अभिभावकों की अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की बेंच में हुई। अभिभावकों ने बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ 7 रिट अपील प्रस्तुत की है। इसमें बताया कि सिंगल बेंच के आदेश को तोड़मरोड़ कर फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जबकि सितंबर में शासन ने फीस विनियामक आयोग बना दिया है। जिसमें राज्य, जिला और स्कूल स्तरीय कमेटी फीस का निर्धारण करेगी। याचिका में यह भी बताया गया कि कोरोना काल के लॉकडाउन से ही स्कूल बंद हैं। प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालकों ने मनमानी फीस वसूली की है।इसके खिलाफ अभिभावकों ने मोर्चा खोल रखा है। स्कूल संचालकों की ओर से फीस वसूली के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा है अभिभावक संघ ने इसका विरोध कर फीस नहीं पटाया। जिसमें कहा गया कि हम फीस देने के खिलाफ नहीं हैं पर लॉकडाउन की स्थिति में सिर्फ ट्यूशन फीस ली जाए, इसके अलावा अन्य फीस वसूल न किया जाए। इसके खिलाफ निजी स्कूल संचालकों के एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने स्कूल संचालकों को नियमानुसार फीस लेने छूट दी। इसके बाद भी स्कूलों ने गलत ढंग से आदेश को तोड़मरोड़कर फीस वसूल रहे हैं। मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने गुरुवार को सभी सात रिट अपील को सुनने के लिए स्वीकार कर लिया है। जिसकी पूर्व में दायर एक अन्य याचिका के साथ जोड़कर 2 सप्ताह के बाद सुनवाई की जाएगी।


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