कृषि कानून वापस नहीं लेगी सरकार, 3 बड़े संशोधनों पर राजी, जानिए कहां अटका पेच

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कृषि कानून के खिलाफ किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर धरना पिछले दो हफ्तों से जारी है। मंगलवार को भारत बंद बुलाया गया, जिसे राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया। लेकिन शाम होते-होते तस्वीर बदलती दिखी, किसान नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। कई घंटों तक चली इस बैठक में किसानों की मांग पर बात हुई और सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे। हालांकि,सरकार कानून में कुछ संशोधन करने पर राजी होती दिख रही है।

किन संशोधनों पर मान रही है सरकार?

किसानों की ओर से कृषि कानून में काफी खामियां गिनाई गईं और कहा गया कि सभी कानूनों को वापस लिया जाए। हालांकि, अब सरकार ने जब ये साफ कर दिया है कि वो कानून वापस नहीं लेगी,ऐसे में किसानों की कुछ मुख्य चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है।

* कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है,ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है।

* प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही। सरकार इस शर्त को मान सकती है।

* इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है।

* किसान नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने MSP सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है।


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