6 साल में संसद में मंत्रियों के वादों में 5 गुना की कमी

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संसद में मंत्रियों द्वारा जन प्रतिनिधियों से किए जाने वाले वादों और उन्हें पूरा करने का रिकॉर्ड देखें तो मोदी सरकार इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रखना सीख गई है।दोनों सदनों में मंत्रियों के रिकॉर्ड से पता चला है कि उनकी जुबान से फिसलने वाले वादों और आश्वासनों की संख्या में पिछले 6 साल में साढ़े पांच गुना की कमी आई है। इस साल तो सरकारी वादों की संख्या पिछले 14 वर्षों में सबसे कम है। संसदीय कार्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार के पहले साल यानी 2014 में दोनों सदनों में कुल मिलाकर 2651 आश्वासन दिए गए थे। साल दर साल वादों की संख्या घटती रही और 2020 में सिर्फ 478 वादे ही किए गए। संसदीय नियमों के अनुसार सदन में मंत्री जो आश्वासन सदस्यों को देते हैं उन्हें 3 महीने के भीतर पूरा करना होता है। लेकिन आज की स्थिति में इस तरह के 2972 वादे पेंडिंग हैं। इनके अलावा 2154 आश्वासन ऐसे भी हैं जिन्हें सरकार वापस ले चुकी है।
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