कोरोना के नए स्वरूप (स्ट्रेन) से घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं - WHO

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ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्वरूप (स्ट्रेन) से घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। यह कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का। डॉ. स्वामीनाथन ने मिडिया को बताया कि भारत समेत दुनियाभर में बन रहीं वैक्सीन वायरस के नए स्वरूप पर भी उतनी ही कारगर हैं, जितनी शुरुआती दौर में मिले स्वरूप पर।नौ से दस महीने में अब तक कोरोनावायरस में जितना भी बदलाव आया है, वह मामूली है। वायरस में आने वाले संभावित बदलावों को देखते हुए ही वैक्सीन तैयार की जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार दुनिया में वैक्सीन अलग - अलग कॉम्पोनेंट्स से बन रही हैं। भारत में बन रहीं वैक्सीन प्रोटीन आधारित हैं। मान लेते हैं वायरस का स्वरूप काफी बदल गया, तो भी डरने की जरूरत नहीं। क्योंकि,प्रोटीन आधारित वैक्सीन को 4 से 6 हफ्ते में अपडेट किया जा सकता है। हालांकि, इसकी जरूरत शायद ही कभी पड़े।
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