चर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला - 14 साल बाद नार्को टेस्ट की सीडी कोर्ट में जमा

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रायपुर - चर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला मामले में तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा की नार्को टेस्ट की सीडी 14 साल बाद रायपुर कोर्ट में पेश की गई। जेएमएफसी कोर्ट में कोतवाली टीआई आरके पात्रो ने बेंगलुरु फॉरेंसिक लैब से आई सीडी जमा की। बैंक में 28 करोड़ का घोटाला फूटने के बाद कोतवाली पुलिस ने मैनेजर उमेश की नार्को टेस्ट कराया था।टेस्ट में मैनेजर ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उसने पिछली सरकार के कई प्रभावशाली लोगों के नाम लेकर घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर अंगुली उठाई थी।इसके बावजूद चार्जशीट में सीडी का कहीं जिक्र नहीं किया गया। हालांकि बैंक के खातेदारों ने सीडी को केस की सुनवाई में शामिल करने की मांग की थी,लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद खातेदारों ने सीडी को केस में शामिल करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि 14 साल पहले पदस्थ तत्कालीन पुलिस अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते रहे, लेकिन किसी ने कोर्ट में सीडी का जिक्र तक नहीं किया। अब खातेदारों की मांग पर पुलिस ने कोर्ट में सीडी जमा की है। पुलिस और विधि विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट चाहे तो सीडी के आधार पर जांच का निर्देश दे सकती है। इसके लिए अलग से जांच टीम भी बनाने के निर्देश दिए जा सकते हैं, ऐसा होने पर सीडी के आधार पर कई लोगों को आरोपी भी बनाया जा सकता है। क्योंकि बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश ने नार्को टेस्ट में पिछली सरकार के कुछ बड़े प्रभावशाली लोगों को 1-1 करोड़ देने का जिक्र किया था। सीडी में एक भाजपा के नेता को दो करोड़ देने की बात कही थी।


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