किसानों के प्रदर्शन से रोज 3,500 करोड़ का नुकसान

दिल्ली बॉर्डर से अन्नदाताओं को हटाने की SC से मांग

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केंद्र के कृषि कानूनों  के खिलाफ किसान करीब 45 दिन से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन  कर रहे हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।  इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना प्रदर्शन के मामले में याचिकाकर्ता ऋषभ शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दायर किया। अर्जी में कहा कि किसानों को सीमा से हटाया जाए। रास्ता जाम कर प्रदर्शन करना शाहीनबाग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के खिलाफ है।
याचिकाकार्ता ने अपनी अर्जी में कहा कि प्रदर्शन और रास्ता जाम होने की वजह से हर रोज़ 3,500 करोड़ का नुकसान हो रहा है। कच्चे माल की कीमत 30 फीसदी तक बढ़ चुकी है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले अंतरिम आदेश में कहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने मोबाइल टॉवर को नुकसान पहुंचाया है। ये सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। अर्जी पर सोमवार को शीर्ष न्यायालय में सुनवाई होनी है।

बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए आठवें दौर की बातचीत हुई। इस बैठक में भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने से कम पर मानने को तैयार नहीं है। किसान और सरकार वार्ता में कल 40 किसान संगठनों ने भाग लिया। किसानों ने मांगें नहीं मानने पर गणतंत्र दिवस  पर राजधानी में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है। किसानों के साथ अगले दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी।


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