भतीजे का लेना था किडनी, इसलिए बनाया पुत्र, बाद में कूटरचना कर बेच दी जमीन

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अंबिकापुर में किडनी के लिए चाचा ने भतीजे को न सिर्फ पुत्र का दर्जा दिया, बल्कि वसीयत में संपत्ति का वारिस बनाया। किडनी प्रत्यारोपण के बाद जब वह पूरी तरह स्वस्थ्य हो गया तो नजर बदलने पर कूटरचना कर वसीयत को निरस्त करा दिया। मामले की जांच नगर पुलिस अधीक्षक ने की तो सारी हकीकत सामने आ गई। पुलिस ने आरोपित चाचा, चाची और उनके दोनों पुत्रों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि हर्राटिकरा नालपारा निवासी रविंद्रधर दुबे पिता स्व. लोकनाथ धर दुबे (49) ने 10 अगस्त 2020 को पुलिस महानिरीक्षक को किडनी प्रत्यारोपण के बाद किए जा रहे अपमानजनक व्यवहार और उनकी देखरेख नहीं करने की जानकारी दी थी।  शिकायत की जांच नगर पुलिस अधीक्षक के निर्देश में की गई, जिसमें रविंद्र धर दुबे के द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए।

जांच में सामने आया कि हीरा हार्डवेयर गली बौरीपारा अंबिकापुर निवासी राजेन्द्र धर दुबे की दोनो किडनी खराब होने पर वह रविंद्रधर से किडनी प्राप्त करने के उद्देश्य से षडयंत्रपूर्वक छल करते हुए उसे अपना वारिस घोषित कर उसकी एवं परिवार की देखरेख करने का झांसा दिया और अपनी पत्नी कौशिल्या देवी के स्वामित्व की भूमि को स्वयं का होना बता मिथ्यापूर्वक कूटरचित वसीयत 13 अक्टूबर 2006 को तैयार करवा उससे किडनी दान में प्राप्त कर लिया। स्वस्थ्य होने के बाद राजेंद्र धर अपने परिवार के अन्य
 सदस्य पत्नी कौशिल्या, पुत्र मिथलेशधर दुबे, अनिमेषधर दुबे के साथ मिलकर वसीयत को निरस्त कर दिया।

इसकी जानकारी मिलने पर रविंद्र धर ने पुलिस को आवेदन के माध्यम से इसकी जानकारी दी थी। पुलिस ने जांच में पाया कि बीते आठ अक्टूबर 2006 को आरोपित चाचा के परिवार के सदस्य रविंद्र धर के ग्राम अनरोखा स्थित घर में आकर चाचा राजेन्द्र धर दुबे की किडनी खराब होने और किसी की किडनी मैच नहीं करने की जानकारी दिए और भावनात्मक अपील कर चाचा के जीवनरक्षा हेतु किडनी देने का आग्रह किया।

इससे द्रवित होकर रविंद्र अपनी जांच हेतु चाचा और उनके परिवार के साथ संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट संस्थाना लखनऊ आया, जहां रविंद्र को किडनी देने योग्य पाया गया, परंतु ये कहा गया था कि सगा संबंधी नहीं होने के कारण वह किडनी नहीं दे सकता है।इसके बाद सभी उस पर पुत्र बनने का दबाव बनाते हुए कहा कि वे जीवन भर उसे पुत्र मानते हुए पूरे परिवार का देखरेख करेंगे। विश्वास में लेने के लिए उन्होने रविंद्र को पुत्र का दर्जा देकर कुछ जमीन रजिस्ट्री कराने हेतु वसीयतनामा (इच्छा पत्र) भी लिख दिया।

जांच के बाद पुलिस ने आरोपित चाचा राजेन्द्र धर दुबे पिता स्व.भैरव धर दुबे (62)चाची कौशिल्या देवी पत्नी राजेन्द्र धर दुबे (56)चचेरे भाई मिथलेश धर दुबे (40) व अनिमेश दुबे द्वय पिता राजेन्द्र धर दुबे (38) के विरुद्ध धारा 419,420, 468,120 (बी)का अपराध पंजीबद्ध किया है।‌


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