सद्भाव और समरसता के रास्ते पर अडिग रहा है छत्तीसगढ़

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज यह अवसर है कि हम अपने संविधान निर्माताओं की चिंता को साझा करें, आपस में विचार-विमर्श करें। संविधान के आधार पर देश चले, संविधान निर्माताओं की भावनाओं का सम्मान हो और हमारे संसदीय लोकतंत्र की गौरवशाली परंपराओं का मान कायम रहे, इस दिशा में मजबूती से चलने का संकल्प लेना भी इस वक्त की एक बड़ी जरूरत है। मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारा छत्तीसगढ़ हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं की आशाओं के अनुरूप सद्भाव और समरसता के रास्ते पर अडिग रहा, जिसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं। भाइयों और बहनों, हमारी सबसे पहली प्राथमिकता, अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति बहुल अंचल तथा ग्रामीण जनता है, जिन्हें विकसित स्थानों एवं लोगों की बराबरी में लाने के लिए विशेष जतन की जरूरत है। जब हम संविधान के प्रावधानों पर चिंतन-मनन करते हैं, अवसरों की बराबरी की बात करते हैं, न्याय की बात करते हैं, व्यक्ति की गरिमा की बात करते हैं तो हमारी आंखों के सामने उसी तबके के चेहरे अधिक नजर आते हैं, जो बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए। *


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