ईरान के परमाणु संयंत्रों का अचानक निरीक्षण नहीं कर पाएगा आईएईए

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संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियारों की निगरानी करने वाली संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का कहना है कि ईरान उसके निरीक्षकों को अपने परमाणु संयंत्रों की निगरानी की तीन महीने के लिए अनुमति देने पर राज़ी हो गया है, लेकिन जल्दबाज़ी में हुए इस समझौते में उसके अधिकारियों के अधिकार कम हो गए हैं और अब वो अचानक निरीक्षण नहीं कर पाएंगे। 

ईरान इस सिलसिले में मंगलवार से अपनी नीति में बदलाव कर रहा है क्योंकि साल 2015 में राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से परमाणु समझौता तोड़े जाने के बाद अमरीका ने उसके ख़िलाफ़ लगाए गए प्रतिबंधों को नहीं हटाया है।

ईरान का कहना है कि अमरीका साल 2015 में हुए परमाणु समझौते का जब तक पूरी तरह पालन नहीं करता, तब तक वो इन उपायों को जारी रखेगा। दूसरी ओर अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि शुरूआत ईरान को करना है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर ये विवाद लगभग दो दशक से अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर है। ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। जबकि अमरीका और अन्य देशों को संदेह है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है।


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