बिहार में शराबबंदी पर उठे सवालों का नीतीश कुमार ने दिया जवाब

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बिहार में शराबबंदी के उल्लंघन की हालिया घटनाओं के बाद बहु प्रचारित शराबबंदी मुहिम पर उठे सवालों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को नाराज़गी जताई। पटना में बिहार पुलिस सप्ताह- 2021 में शिरकत करने पहुंचे नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी ज़िले में एक पुलिस पार्टी पर शराब तस्करों के हमले को लेकर भी चिंता जताई। इस हमले में एक सब-इंस्पेक्टर की जान चली गई थी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शराब विरोधी मुहिम के लिए पुलिस वालों की पूरी टीम बनाई जानी चाहिए और "इक्का-दुक्का" पुलिस वालों को ऐसे छापे नहीं मारने चाहिए। उन्होंने ये भी दोहराया कि अगर पुलिस या आबकारी विभाग का कोई अधिकारी ख़ुद प्रतिबंध का उल्लंघन करते या ढिलाई बरतते पाया गया तो उन पर भी सख़्त कार्रवाई होगी। बिहार में शराबबंदी लागू हुए लगभग पाँच साल हो गए हैं। नीतीश कुमार ने कहा,कुल 619 सरकारी कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की गई है। 348 के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है,186 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, कांग्रेस- आरजेडी की ओर से विधानसभा में शराबबंदी के असर पर उठाए गए सवालों के संदर्भ में नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हमेशा उल्लंघन की कुछ घटनाएं होती ही हैं, लेकिन इस आधार पर कुछ लोग हमारे बड़े क़दम पर सवाल उठाने लगे हैं। उन्होंने दोहराया कि शराबबंदी समाज के हित में है। उन्होंने महात्मा गांधी का ज़िक्र किया और शराब के दुष्प्रभाव को दिखाने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यननों का हवाला दिया। क़ानून की कड़ाई का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने उस मांग को भी बकवास बताकर ख़ारिज कर दिया जिसमें कुछ लोगों का कहना है कि घोषित शराबियों के प्रति नरमी दिखानी चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसे लोग नशा मुक्ति केंद्र जा सकते हैं। उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की महिलाओं से किए वादे को याद किया,जिसने उन्हें सत्ता में लौटने में मदद की थी।
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