कोरोना - भारत ने वैक्सीन के निर्यात पर फ़िलहाल लगाई रोक

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भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने मिडीया को बताया है कि भारत ने फ़िलहाल कुछ समय के लिए ऑक्सफ़ोर्ड- एस्ट्राज़ेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के निर्यात पर रोक लगा दी है। मंत्रालय के अनुसार भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण आने वाले हफ़्तों में वैक्सीन की घरेलू माँग में इज़ाफ़ा होगा और यहां वैक्सीन की ज़रूरत पड़ेगी। हालांकि अधिकारियों ने इसे वक़्ती क़दम क़रार दिया है लेकिन इससे अप्रैल के आख़िर तक वैक्सीन की निर्यात पर असर पड़ेगा। कोवैक्स योजना के तहत आने वाले क़रीब 190 देशों पर इसका असर पड़ेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में चल रही कोवैक्स योजना का मक़सद सभी देशों में कोरोना वैक्सीन को सुनिश्चित कराना है। भारत ने अब तक 76 देशों में कोरोना वैक्सीन की क़रीब छह करोड़ डोज़ भेजा है। बुधवार को क़रीब 47 हज़ार संक्रमण के नए मामले सामने आए और 275 लोगों की मौत हुई। साल 2021 में भारत में एक दिन में कोरोना संक्रमितों की यह सबसे बड़ी संख्या है। भारत ने एक अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका दिए जाने का फ़ैसला किया है। इसलिए टीके की माँग में इज़ाफ़ा लाज़िमी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि,निर्यात पर रोक सिर्फ़ कुछ समय के लिए लगाया गया है और घरेलू माँग को प्राथमिकता देनी होगी। मंत्रालय के एक सूत्र ने ये भी बताया कि गुरुवार से कोई निर्यात नहीं होगा, जब तक कि भारत में हालात स्थिर नहीं हो जाते। लेकिन इस फ़ैसले पर अभी तक भारत सरकार या वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एसआईआई ने एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के यूके, ब्राज़ील, सऊदी अरब और मोरक्को जाने वाली खेप को फ़िलहाल रोक दिया है। भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी से की थी और अब तक चार करोड़ 70 लाख लोगों को टीका दिया जा चुका है। लेकिन इस बीच भारत मे कोरोना की दूसरी लहर की आशंका बढ़ गई है। भारत में अधिकारी अगले सात महीनों में 60 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका देने की उम्मीद कर रहे हैं।
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